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बे-लगाम हुई जिला मुख्यालय की यातायात व्यवस्था ,ऑटो भर रहे 500 का दम

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सड़क बनी पार्किंग

डिण्डौरी। इन दिनों जिला मुख्यालय की यातायात व्यवस्था पूरी तरह बेलगाम हो चुकी है,जिसका जहां मन चाहा वहीं वाहन पार्क कर दिया या यू भी कहा जा सकता हैं कि सड़क को ही पार्किंग स्थल बना दिया। जिसके चलते आये दिन सड़क दुर्घटनाएं तो होती ही हैं साथ ही अन्य वाहन चालकों एवं मुसाफिरों को खासी परेशानियों से दो चार होना पड़ता है। जिला मुख्यालय में आप यह स्थिति मंडला बस स्टेंड से लेकर कंपनी चौक पुरानी डिंडोरी,कलेक्टर तिराहा, आईडीबीआई बैंक , एस बी आई बैंक मेन रोड, उत्कृष्ट विद्यालय मैदान,भाजपा कार्यालय, मुख्य बाजार ,भारत माता चौक , नीलम होटल,रानी अवंती बाई चौराहा ,रुचि स्वीट्स ,जिला अस्पताल से लेकर राय मेडिकल तक आए दिन देख सकते हैं। जिसके चलते अनेकों दफा जाम की स्थिति बन जाती है। और नए यातायात प्रभारी शहर वासियों को इस अराजक व्यवस्था से निजात दिलाने में नाकामयाब रहे है।

ऑटो भर रहे 500 का दम

वैसे तो यातायात प्रभारी शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने आए दिन वाहन स्वामियों और चालकों की बैठकें आयोजित करते है, लेकिन शायद ही कोई वाहन चालक बैठक के बाद इन नियमो का पालन करता हो।सूत्र तो यहां तक बताते है की शहर में जो बेलगाम ऑटो सवारियां भर – भर कर यात्री सुरक्षा के साथ – साथ राहगीरों को सुरक्षा से खिलवाड़ करते हैं वह 500 का दम भरते हैं।अब आपके जेहन में यह सवाल भी जरूर आया होगा की आखिर 500 का दम है क्या.? तो चलिए हम ही आपको बता देते है। दरअसल अधिकांश ऑटो चालकों से विभाग प्रमुख द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मियों के माध्यम से प्रतिमाह 500 रुपयों की वसूली की जाती है,और फिर यही से यात्री सुरक्षा के साथ खिलवाड़ प्रारंभ हो जाता है और फिर वह बेखौफ हो मनमानियों पर अमादा हो जाते है।

बसें लगाती हैं जाम 

हाल के ही लगभग एक माह पूर्व यातायात परिसर में जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ था ,जहां नगर के प्रबुद्धजनों ने बदहाल यातायात व्यवस्था के साथ मुख्य बस स्टेंड में बस संचालकों की मनमानी से अवगत कराया था।लेकिन बैठक महज औपचारिकता तक सीमित रही और हालात आज भी जस के तस हैं, जिसके चलते जिला अस्पताल के सामने बस संचालकों की मनमानी के चलते अक्सर जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। और यह स्थिति प्रातः काल से लेकर देर शाम तक बनी रहती है,इसी स्थिति के चलते अनेकों दफा 200 मीटर तक जाम की स्थिति बन जाती है।

फल – फ्रूट और सब्जी वालों का कब्जा

कहने को कलेक्टर डिंडोरी के निर्देश पर शहर के मध्य से फल – फ्रूट और सब्जी विक्रेताओं की दुकानों की व्यवस्था अन्यत्र कर दी गई। लेकिन शहर की यातायात व्यवस्था को बिगाड़ने में इन सब्जी ,फल – फ्रूट विक्रेताओं का आज भी अहम योगदान है,जो शहर के मध्य जहां – तहां सब्जी और फल – फ्रूट से लदे हाथ ठेलों को पार्क करके आराम से व्यापार कर रहे होते है,जिनके कारण भी जाम जैसे हालात अक्सर निर्मित होते हैं।

फुटपाथ से वसूल रहे किराया 

खबर में हम जिस फुटपाथ का जिक्र कर रहे है,दरअसल उसी फुटपाथ को व्यापारियों ने अतिरिक्त आय का स्रोत बना लिया है, और इन फुटपाथ पर दुकान लगाने के एवज में बतौर किराया जमकर उगाही की जा रही है। यहां तक की सांझ ढलते ही विद्युत व्यवस्था भी बकायदा इन्ही व्यापारियों द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। जिसके चलते दो पहिया और चार पहिया वाहन चालकों को मुख्य मार्ग पर ही अपने वाहन पार्क करने विवश होना पड़ता है। काश जिला प्रशासन और नगर के यातायात प्रभारी वाहन चालकों की बजाए ऐसे व्यापारियों पर शिकंजा कसे तो ज्यादा बेहतर होगा।क्यों कि शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था में इन व्यापारियों की भी खासी भूमिका है जो फुटपाथ पर कब्जा देने के एवज में तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं।

डिण्डौरी से वरिष्ठ पत्रकार राजेश विश्वकर्मा की रिपोर्ट

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