Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

मेधा पाटकर ने नर्मदा बांधों के संबंध में डिण्डौरी और मण्डला कलेक्टर को लिखा पत्र

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

डिण्डौरी/ मण्डला।

मेधा पाटकर ने डिण्डौरी और मण्डला कलेक्टर को ईमेल से भेजे पत्र में लिखा है कि राघवपुर और बसनिया बहुद्देशीय परियोजना के अन्तर्गत प्रभावित कृषकों की भूमि अर्जन किया जा रहा है, परन्तु मुझ जानकारी मिला है कि प्रभावित ग्राम सभाओं ने परियोजना हेतु भूमि अर्जन की सहमति नहीं दिया है।जबकि अनुसूचित क्षेत्रों  मध्यप्रदेश सरकार भूअर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार नियम 2015  की कंडिका-16 में प्रावधान है कि ” ग्राम सभा की सहमति – संविधान की पांचवी अनुसूची के अनुसूचित क्षेत्रों में भूमि अर्जन के सभी मामलों में सबंधित ग्राम सभा की पूर्व सहमति प्रारूप (च) में अभिप्राप्त की जाएगी।इसकी पुष्टि मध्यप्रदेश पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022 पेसा की कंडिका -18 की धारा-(1) भी करता है।केन्द्रीय भूअर्जन कानून 2013 की कंडिका 38 और 41 के अनुसार दलित और आदिवासियों की भूमि किसी परियोजना के लिए अर्जित करने सबंधी कई शर्तें हैं।दोनों परियोजनाओं के लिए पर्यावरणीय प्रभाव आकलन और समाजिक समाधात का मूल्यांकन ग्रामसभाओं के सहभाग और सुनवाई के साथ पूर्ण होना है।पाटकर ने कहा कि प्रभावित आदिवासी क्षेत्रों में उपरोक्त प्रक्रियाओं को नहीं अपनाते हुए, परियोजना कार्य को आगे बढाया जो रहा है, जो गैर संवैधानिक है।साथ ही इस परियोजनाओं से विस्थापित एवं प्रभावित बहुतांश आदिवासी हैं तथा उनके जीने और आजीविका का आधार जल जंगल जमीन छीना जाना अन्याय ही नहीं अत्याचार भी है।मेधा पाटकर ने कलेक्टर से अनुरोध किया है कि नर्मदा घाटी में पीढ़ियों पुराने निवासियों पर अन्याय नहीं होने देंगे और अपने संवैधानिक कर्त्तव्य का निर्वहन निष्पक्ष तरीके से करेंगे।वरिष्ठ समाजिक कार्यकर्ता हरि सिंह मरावी द्वारा ईमेल से भेजे गए पत्र की जानकारी दिया गया है।

Leave a Comment

  • UPSE Coaching
  • Pelli Poola Jada
  • 7k Network
  • marketmystique
  • Buzz Open
[democracy id="1"]