डिण्डौरी। हाल के ही दो रोज पूर्व एक समाचार पत्र ने जिला मुख्यालय में युवाओं ने अवैध शराब के कारोबार को बनाया रोजगार का जरिया शीर्षक नाम से खबर प्रकाशित की थी।तब लगा कि शायद पुलिस प्रशासन और आबकारी हरकत में आयेंगे, लेकिन गुरूवार की सुबह-सुबह एक पत्रकार द्वारा क्लिक की गई तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो सब स्पष्ट हो गया की शराब माफिया दिल-ओ-दिमाग से पुलिस और आबकारी के खौफ से बेखौफ हो चुका है।दरअसल जो तस्वीरें आप देख रहे है,यह जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर समनापुर मार्ग पर सरई गांव की है,जहां कुछ एक स्थानीय जनों और पत्रकारों ने तफरी के दरमियान एक संदिग्ध युवक को रोका तो उसके पास दो से तीन पेटी अवैध शराब रखी पाई गई । वायरल वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है की युवक द्वारा शराब की पेटियां खोलकर दिखाई गई और फिर उन्हें पैक कर वाहन में रखा गया । स्थानीय युवक कुछ समझ पाते उससे पहले शराब सप्लायर शातिराना अंदाज में वाहन को किनारे लगाने की बात कह मौके से नौ-दो-ग्यारह हो गया। जिससे यह अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है की जिले में अवैध शराब का कारोबार किस तरह फल-फूल रहा है।
डोर-टू-डोर हो रही सप्लाई जब बात शराब के अवैध कारोबार की चल रही है तो आपको बता दें की मुख्यालय में एक दुबे सरनेम का व्यक्ति भी है,जो रोजाना मुख्यालय के आसपास गाड़ासरई और समनापुर से शराब की गिनती की बड़ी बोतलें लाता है और फिर अपने दोपहिया वाहन से डोर- टू-डोर सेवा प्रदान करता है।सूत्र तो यह भी बताते हैं की शराब के इस अवैध कारोबार में धर्मेंद्र नामक व्यक्ति दुबे को फाइनेंस करता है, और मुनाफे की रकम पास में रखकर कमीशन दुबे को दे देता है। सूत्र तो यह भी बता रहे है की नव भारत द्वारा सिलसिलेवार खबरें प्रकाशन पश्चात नगर के अधिकांश कुचियों ने इस धंधे का तरीका बदला है,और वह महज 180 एमएल की एक से दो पेटी लाकर डोर-टू-डोर सप्लाई कर रहे हैं।
समनापुर – गाड़ासरई से हो रही सप्लाई सूत्रों की मानें तो जिला मुख्यालय में शहपुरा ,उमरिया,अनूपपुर से भी अवैध शराब की खेप आती रहती है,लेकिन जिला मुख्यालय के ज्यादातर बेरोजगार युवाओं ने समनापुर और गाड़ासरई को अपना गढ़ बना रखा है,जो जिला मुख्यालय के नजदीक भी है और फिर रिस्क भी कम, क्योंकि रात्रि पहर में कहीं भी किसी तरह के चेकिंग अभियान इन दोनों ही मार्गों पर नहीं चलाए जाते ।यह बात अलग है की संगठन विशेष या स्थानीय नागरिकों की नाराजगी का सामना इन्हें समय – समय पर भुगतना पड़ता है।
डिण्डौरी से वरिष्ठ पत्रकार राजेश विश्वकर्मा की रिपोर्ट