डिण्डौरी। दिसंबर मध्य में भारतीय जनता पार्टी को नया जिलाध्यक्ष मिल जाएगा 21 नवंबर राजधानी दिल्ली में चुनाव कार्य से जुड़े प्रदेश पदाधिकारी की अहम बैठक बुलाई गई है जिसमें मंडल और जिला अध्यक्ष के चुनाव की तारीखों का अधिकृत ऐलान हो सकता है पार्टी में संगठन चुनाव का पूरा मसौदा वोटिंग की बजाय आम सहमति पर निर्भर है कहने के लिए पर्यवेक्षकों द्वारा राय शुमारी की जाती है जबकि जिसे मंडल या जिला अध्यक्ष बनाना होता है वह पहले से ही तय हो जाता है डिंडोरी जिला अध्यक्ष के निर्वाचन में भी यही फार्मूला चलेगा राय शुमारी की पूरी औपचारिकता की जाएगी और आखरी में प्रदेश नेतृत्व जिसे चाहेंगे वह उसके नाम पर मोहर लग जाएगी प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव जिला अध्यक्ष चुने जाने के बाद होना है
सूत्र बताते हैं कि भाजपा संगठन में चुनाव की प्रक्रिया के तहत जनवरी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का इलेक्शन होना है और इससे ठीक पहले प्रदेशों के अध्यक्ष तय कर दिए जाएंगे वर्तमान में मंडलों की बैठक हो रही है बूथ स्तर पर चुनाव किया जा रहे हैं डिंडोरी जिले के सातो मंडलों में बूथ कमेटियों के निर्वाचन की प्रक्रिया चल रही है हर बूथ कमेटी में 11 सदस्य चुने जा रहे हैं इसके लिए बाकायदा चुनाव प्रभारी भी बनाए गए हैं बूथ कमेटियों के बाद मंडलों के चुनाव और इसके उपरांत जिला अध्यक्ष का चुनाव होना है सारे कार्यक्रम पर डिंडोरी जिले के चुनाव प्रभारी राजेश पांडे रीवा यहां आकर चर्चा कर चुके हैं वहीं संगठन का अगला बनाव भी संगठन के पावरफुल नेताओं के इर्द-गिर्द ही सिमट होने की पूरी संभावना है
जिला अध्यक्ष के लिए है दावेदारों की लंबी फेहरिस्त
भाजपा के अगले जिला अध्यक्ष के लिए दावेदारों के लिए वैसे तो लंबी लिस्ट नजर आ रही है परंतु प्रबल दावेदारों में वर्तमान जिला अध्यक्ष अवधराज बिलैया पूर्व जिला अध्यक्ष संजय साहू पूर्व में भी रहे दावेदार शहपुरा क्षेत्र निवासी भाजपा के वर्तमान जिला महामंत्री ज्ञानदीप त्रिपाठी करंजिया निवासी दिलीप ताम्रकार पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष कृष्णा परमार सहित कई दावेदार हैं वही सामाजिक जनसंख्या की दृष्टि से जिले में बहुतायत साहू समाज के वर्तमान जिला अध्यक्ष दुर्गेश साहू एवं टेकेश्वर साहू भी जिलाध्यक्ष के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं
भाजपा संगठन चुनाव में महिलाएं हमेशा रही उपेक्षित
एक और प्रदेश और देश में महिलाओं को आरक्षण देकर आगे बढ़ाया जा रहा है परंतु डिण्डौरी भाजपा संगठन चुनाव में अभी तक इतने वर्षों में एक बार भी किसी महिला को भाजपा जिला अध्यक्ष की कमान नहीं सौंपी गई है जबकि डिण्डौरी भाजपा संगठन में एक से एक बढ़कर कद्दावर महिला नेत्री अपनी सेवाएं दे रही है
वर्ष 2000 के बाद दोबारा कभी नहीं मिला शहपुरा को जिला अध्यक्ष का नेतृत्व
डिण्डौरी जिले की गठन के पश्चात जिले के पहले भाजपा जिला अध्यक्ष डिण्डौरी निवासी कैलाश चंद्र जैन बने इसके बाद वर्ष 2000 से 2004 तक शहपुरा निवासी कमल अग्रवाल को भाजपा जिला अध्यक्ष की कमान मिली इसी वर्ष भाजपा ने जिले की तीनों विधानसभा सीटे शहपुरा डिंडोरी और बजाग में विजय हासिल की थी उसके बाद डिंडोरी जिले की बजाग विधानसभा सीट समाप्त कर दी गई परंतु डिंडोरी विधानसभा सीट दोबारा कभी बीजेपी की झोली में नहीं आई वह लगातार कांग्रेस का गढ बनती गई इसके पश्चात गाड़ासरई निवासी संजय साहू इसके पश्चात डिंडोरी निवासी डॉक्टर सुनील जैन डिंडोरी निवासी ही तुलसीराम कटैहा फिर पुन: डॉक्टर सुनील जैन फिर संजय साहू इसके पश्चात डिंडोरी निवासी नरेंद्र राजपूत और अवध राज बिलैया को लगातार भाजपा की कमान मिली
स्थानीय विधायकों की राय होगी महत्वपूर्ण
भाजपा संगठन चुनाव में इस बार भी स्थानीय विधायकों की राय महत्वपूर्ण मानी जाएगी डिंडौरी जिले में वर्तमान में दो विधानसभा है शहपुरा एवं डिण्डौरी जबकि भाजपा विधायक सिर्फ शहपुरा विधानसभा में है जबकि डिण्डौरी में लगातार कांग्रेस का विधायक होता आ रहा है वर्तमान में शहपुरा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे हैं जो की स्थानीय विधायक के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी संगठन के राष्ट्रीय मंत्री भी हैं इसलिए विधायक दर्ज की भूमिका संगठन चुनाव में महत्वपूर्ण होगी
आयु सीमा बंधन दावेदारों की दांवों पर फेर सकती है पानी
भाजपा संगठन चुनाव में पिछले बार की तरह अगर इस बार भी मंडल अध्यक्ष के लिए 30 से 40 वर्ष एवं जिलाध्यक्ष के लिए 40 से 50 वर्ष उम्र का आयु बंधन लागू रहता है तो कई उम्र दराज दावेदारों की दावेदारी पर पानी फिर सकता है