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जिला पंचायत डिण्डौरी में न्यायालयीन प्रक्रिया के अन्तर्गत कार्यवाही नहीं ! न्याय प्रभावित, विधि अनुसार कार्यवाही की मांग ? – अधिवक्ता दीपचंद साहू

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अधिवक्ता दीपचंद साहू



डिण्डौरी- मध्यप्रदेश शासन के आदेश निर्देश के अनुसार पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 40 एवं धारा 92 व पंचायत से सम्बंधित अन्य धाराओं के अन्तर्गत न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के सुनवाई क्षेत्राधिकार में था जो पाँच वर्ष पूर्व से न्यायालय मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को उपरोक्त समस्त अधिकार मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदत्त किये गये है प्राप्त जानकारी के आधार पर जिला डिण्डौरी में लगभग 3-4 वर्षों से धारा 40 व धारा 92 पंचायत राज अधिनियम 1993 के अन्तर्गत विभिन्न पंचायत से सम्बंधित कार्यवाहियां लम्बित है न्यायालयीन प्रक्रिया के अन्तर्गत कार्यवाही का संचालन नहीं होने से पक्षकार व अधिवक्ता निरंतर परेशान है जिला पंचायत डिण्डौरी में प्रशासनिक प्रक्रिया के अन्तर्गत की जाने वाली कार्यवाही के अनुसार न्यायालयीन प्रक्रिया का भी संचालन अवैध रूप से किया जा रहा है विधिवत् आदेश पत्रिका का संचालन व सुनवाई प्रक्रिया के अन्तर्गत नहीं की जा रही है प्राप्त जानकारी के आधार पर 15 – 20 वर्षों से कुछेक संविदा कर्मी है जिन्हें जिला का जवाबदार पद सौप दिया गया है तथा कुछेक लिपिक है जो अन्य विभाग से संलग्न है जिनको आदेश पत्रिका आदि का संचालन करने का कोई ज्ञान नही है उनके द्वारा नोट शीट के माध्यम न्यायालयीन प्रक्रिया का संचालन किया जाता है जबकि न्यायालयीन प्रक्रिया की कार्यवाही न्यायालयीन प्रक्रिया के अन्तर्गत होना चाहिए परन्तु उक्त कर्मियों को या तो न्यायालयीन प्रक्रिया का ज्ञान नहीं है या फिर जानबूझकर पीठासीन अधिकारी को लगातार गुमराह करके गंभीर अनियमितता शासकीय राशि की गबन से सम्बंधित मामलों को दबाकर रखे हुए है तथा सम्बंधित दोषियों के विरूद्ध पद से पृथक करने व शासकीय राशि की वसूली करने तथा एफ.आई.आर. कराने से सम्बंधित कोई कार्यवाही विधिवत् नही हो पा रही है प्राप्त जानकारी के आधार पर डिण्डौरी जिला के अन्तर्गत आने वाली सभी जनपद पंचायतों के द्वारा अनेक ग्राम पंचायतों के सरपंच/सचिव के विरूद्ध आरोप प्रमाणित पाया जाकर जाँच प्रतिवेदन जिला पंचायत डिण्डौरी को प्रेषित किये जा चुके है किन्तु सम्बंधित संविदा कर्मी अपने अधिकार कर्तव्य का दुरूपयोग करते हुए पीठासीन अधिकारी को गुमराह कर अपने पक्ष में लेकर सम्बंधित दोषियों से निजी लाम लेकर न्यायालयीन प्रकरणों में समय सीमा के अन्दर आदेश नही होने से संदिग्ध भूमिका प्रमाणित है, प्राप्त जानकारी के आधार पर सम्बंधित जिले के व अन्य शासन में पदासीन जनप्रनिधियों के द्वारा भी जवाबदार अधिकारियों को तत्सम्बंध में अवगत कराया गया है फिर भी किसी भी प्रकार की वैधानिक कार्यवाही नही होने से जवाबदार अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत होती है ऐसी स्थिति में मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी दिशा निर्देश का पालन नही होने से लगातार शासकीय राशि का गबन हो रहा है तथा विकास कार्य के नाम पर निर्माण ऐजेन्सी अवैधानिक कार्य में संलग्न है उन्हें जिला पंचायत से सरंक्षण प्राप्त होने से उनका मनोबल बढ़ा हुआ है और लगातार सम्बंधितों के द्वारा वित्तीय अनियमितता प्रमाणित होने के बाद भी फर्जी तरीके से निर्माण कार्य के नाम पर लगातार 15वें वित्त की राशि व अन्य मदों से शासकीय राशि का आहरण करके इन्ही जिला पंचायत के जवाबदार कर्मियों को बंदरबाट करते हुए कार्यवाहियों को लगातार दबाने से न्याय प्रभावित है तत्सम्बंध में यह भी जानकारी है कि माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में भी कार्यवाही लम्बित होने व कार्यवाही नही करने के सम्बंध में याचिका प्रस्तुत की गई है जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डिण्डौरी को व्यक्तिगत रूप से निर्धारित समय सीमा के अन्दर कार्यवाही करने के निर्देश दिये जाने की जानकारी प्राप्त है फिर भी कार्यवाही लम्बित है तत्सम्बंध में अधिवक्ता दीपचंद साहू के द्वारा माननीय महामहिम राज्यपाल मध्यप्रदेश शासन भोपाल व मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन भोपाल से वैधानिक कार्यवाही की मांग की गई है।

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