नई दिल्ली: उत्तराखंड का जोशीमठ जब धंसना शुरू हुआ था तो इस खबर ने पूरी दुनिया खूब सुर्खियां बटोरी थी. तमाम भू वैज्ञानिक जोशीमठ में जुटे और इसके बाद आज तक इस घटना पर रिसर्च जारी है. इस बीच भीषण आपदा से निपटने के लिए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री मित शाह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति ने जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड़ रुपए की रिकरवरी एंड रिकंस्ट्रक्शन (R&R)योजना को मंजूरी दी है.
इस योजना के तहत, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) की रिकवरी एंड रिकंस्ट्रक्शन विंडो से 1079.96 करोड़ रुपए की केन्द्रीय सहायता प्रदान की जाएगी. राज्य सरकार राहत के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) से 126.41 करोड़ रुपए और राज्य के बजट से 451.80 करोड़ रुपए प्रदान करेगी, जिसमें पुनर्वास के लिए 91.82 करोड़ रुपए भूमि अधिग्रहण लागत भी शामिल है.
मालूम हो कि उत्तराखंड का जोशीमठ भूस्खलन और जमीन धंसने से प्रभावित हुआ है और केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को सभी आवश्यक तकनीकी और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और NDMA के मार्गदर्शन में सभी तकनीकी एजेंसियों ने त्वरित कार्रवाई कर जोशीमठ के लिए रिकवरी योजना तैयार करने में राज्य सरकार की मदद की है.
केंद्र सरकार की योजना के मुताबिक जोशीमठ के लिए रिकवरी योजना को बैस्ट प्रैक्टिसिस, बिल्ड बैक बेटर (BBB) सिद्धांतों और सस्टेनेबीलिटी इनिशिएटिवस का पालन करते हुए तीन सालों में लागू किया जाएगा. इसके बाद जोशीमठ पारिस्थितिक स्थिरता का एक उत्कृष्ट उदाहरण बनकर उभरेगा.
गौरतलब है कि जनवरी में, जोशीमठ में घरों और जमीन पर दरारें आ गई थीं और बड़ी संख्या में लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में ले जाना पड़ा था. जोशीमठ में भूमि धंसाव का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थानों ने सितंबर में एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में मौजूद संकट के लिए जोशीमठ के ढलान पर स्थित होने के साथ ही जनसंख्या दबाव, बहुमंजिला इमारतों का निर्माण और ऊपरी क्षेत्रों से आने वाले पानी का उचित प्रबंधन के लिए किसी प्रणाली के अभाव को जिम्मेदार बताया गया था.
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FIRST PUBLISHED : December 1, 2023, 01:06 IST